हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा 2024
« »18-Dec-2024 | दृष्टि लेखक
 
        हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (HPPSC) ने न्यायिक सेवा परीक्षा 2024 के लिये विज्ञप्ति जारी की है, जो विधि स्नातकों को हिमाचल प्रदेश में न्यायिक सेवाओं में शामिल होने का एक रोमांचक अवसर प्रदान करता है। यह ब्लॉग पोस्ट आपको परीक्षा के हर पहलू को समझने में मदद करने के लिये एक गहन मार्गदर्शन प्रदान करेगा।
महत्त्वपूर्ण तिथियाँ:
- आवेदन प्रारंभ होने की तारीख: 15 दिसंबर 2024
- आवेदन की अंतिम तिथि: 05 जनवरी 2025
- प्रारंभिक परीक्षा: 02 मार्च 2025
- मुख्य परीक्षा: मार्च 2025 का अंतिम सप्ताह
रिक्ति विवरण
| कोटि | ब्यौरा | 
| कुल पद | 21 | 
| श्रेणी बार | |
| अनारक्षित (सामान्य वर्ग) | 11 (9 प्रत्याशित पदों सहित) | 
| अनुसूचित जाति (HP) | 3 | 
| अनुसूचित जनजाति (HP) | 3 | 
| अन्य पिछड़ा वर्ग (HP) | 4 (1 प्रत्याशित पद सहित) | 
पात्रता मापदंड
| कसौटी | ब्यौरा | 
| आयु सीमा: | |
| न्यूनतम आयु | 22 वर्ष (05-01-2025 तक) | 
| अधिकतम आयु | 35 वर्ष (05-01-2025 तक) | 
| आयु में छूट | हिमाचल प्रदेश के अनु.जाति/अनु.जनजाति/ओ.बी.सी. उम्मीदवार: 3 वर्ष की छूट | 
| शैक्षणिक योग्यता: | |
| नागरिकता | भारत का नागरिक होना चाहिये | 
| विधि की डिग्री | बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त विधि की डिग्री होनी चाहिये (05-01-2025 तक) | 
| माध्यम | अंग्रेजी | 
परीक्षा योजना
1. प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार):
- 100-100 अंकों के तीन पेपर
- अवधि: प्रति पेपर 1 घंटा
- गलत उत्तरों पर कोई दण्ड (negative marking) नहीं है
- पेपर:
- सिविल विधि-I
- सिविल विधि -II
- आपराधिक विधि
 
- प्रत्येक पेपर में 50 बहुविकल्पीय प्रश्न (प्रति प्रश्न 2 अंक) होते हैं।
2. मुख्य परीक्षा (व्याख्यात्मक प्रकार):
- उम्मीदवारों को प्रारंभिक परीक्षा में मेरिट के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिये चयनित किया जाएगा|
- मुख्य परीक्षा के लिये बुलाए गए उम्मीदवारों की संख्या भरी जाने वाली रिक्तियों की संख्या से बीस गुना तक होगी।
- किसी भी उम्मीदवार को मुख्य परीक्षा के लिये योग्य नहीं माना जाएगा जब तक कि वह सभी पेपरों में कुल 45% अंक प्राप्त नहीं करता है और भाषा के पेपर में कम से कम 33% अंक प्राप्त नहीं करता है अर्थात देवनागरी लिपि में हिंदी।
- परीक्षा संरचना:
| पेपर | विषय | अंक | 
| पेपर-I | सिविल विधि-I | 200 | 
| पेपर-II | सिविल विधि -II | 200 | 
| पेपर-III | आपराधिक विधि | 200 | 
| पेपर-IV | अंग्रेजी रचना | 150 | 
| पेपर-V | हिंदी भाषा | 100 | 
3. साक्षात्कार (150 अंक):
- प्रत्येक रिक्ति के लिये तीन उम्मीदवारों को बुलाया जाएगा।
- साक्षात्कार में प्राप्त अंक मुख्य परीक्षा के अंकों की गणना के अनुसार होते हैं।
- उम्मीदवारों को कम से कम 45% अंक प्राप्त करने होंगे।
विस्तृत पाठ्यक्रम
पेपर- I: सिविल विधि- I:
- सिविल प्रक्रिया संहिता, 1908
- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872
- भारतीय स्टाम्प अधिनियम
- हिमाचल प्रदेश न्यायालय अधिनियम, 1976
- विनिर्दिष्ट अनुतोष अधिनियम, 1963
पेपर- II: सिविल विधि- II:
- भारतीय संविदा अधिनियम, 1872
- हिंदू विधि
- भारतीय परिसीमा अधिनियम
- संपत्ति अंतरण अधिनियम, 1882
- हिमाचल प्रदेश शहरी किराया नियंत्रण अधिनियम
पेपर- III: आपराधिक विधि:
- भारतीय दण्ड संहिता, 1860
- दण्ड प्रक्रिया संहिता, 1973
- परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 से 143 (अध्याय-XVII)
- हिमाचल प्रदेश आबकारी अधिनियम-2011
- वन्यजीव संरक्षण अधिनियम
- भारतीय वन अधिनियम
- लैंगिक अपराधों के प्रति न्यायिक संवेदनशीलता पर मॉड्यूल:
- दण्ड प्रक्रिया संहिता के अधीन जमानत के संबंध में माननीय उच्चतम न्यायालय के दिशानिर्देश/निर्देश (धारा 437, 438, 439)।
- लिंग रूढ़िवादिता और इसके प्रभाव।
- न्यायिक लैंगिक रूढ़िवादिता और लैंगिक अपराध के मामलों में न्याय तक महिलाओं की पहुँच।
- नए महिला-केंद्रित साइबर अपराधों के लिये न्यायिक दृष्टिकोण (जैसे, ब्लैकमेल, मानहानि, नकली प्रोफाइल बनाना)।
- लैंगिक अपराध के मामलों में पीड़ितों की रक्षा करने में न्यायाधीश की भूमिका।
- लैंगिक अपराधों से निपटने में जवाबदेही और आचरण मानक।
- न्यायिक निर्णय लेने में लैंगिक संवेदनशीलता को शामिल करना।
- बाल यौन शोषण के लिये न्यायिक दृष्टिकोण (POCSO अधिनियम, 2012)।
- लैंगिक अपराध के मामलों में पीड़िता के कथनों की विश्वसनीयता।
- लैंगिक अपराध के मामलों में दण्ड के प्रावधान।
- लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012
- किशोर न्याय अधिनियम, 2015
- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005
- गर्भाधान-पूर्व और प्रसव-पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन का प्रतिषेध) अधिनियम, 1994
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (प्रतितोष, प्रतिषेध और निवारण) अधिनियम, 2013
- कार्यस्थल पर महिलाओं के लैंगिक उत्पीड़न के प्रतिषेध के लिये सीसीएस (आचरण) नियमावली।
- कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ भेदभाव और उत्पीड़न तथा कार्यस्थल पर महिलाओं के अधिकार और गरिमा।
- विशाखा के मामले में माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सांविधानिक अधिदेश और दिशानिर्देश।
- न्यायिक आचरण के बंगलौर प्रिंसिपल, 2002
- दक्षिण पूर्व एशिया में लिंग परिप्रेक्ष्य लागू करने पर न्यायाधीशों के लिये बैंकॉक सामान्य दिशानिर्देश।
- पेपर- IV: अंग्रेजी संरचना:
- तीन सामान्य विषयों में से एक निबंध चुनें।
- हिंदी गद्यांश का अंग्रेजी में अनुवाद।
 
पेपर- V: हिंदी भाषा:
- अंग्रेजी गद्यांश का हिंदी में अनुवाद।
- किसी दिये गए विषय पर हिंदी में निबंध (तीन विषयों का चुनाव)।
- रचना (मुहावरे और सुधार)।
तैयारी की रणनीति
| तैयारी क्षेत्र | रणनीति | 
| परीक्षा परिदृश्य को समझना | |
| परीक्षा पैटर्न | परीक्षा पैटर्न (पेपरों की संख्या, प्रश्नों के प्रकार और आपके अधिकार क्षेत्र के लिये समय आवंटन) का विश्लेषण करें। | 
| पाठ्यक्रम बार | पाठ्यक्रम को अच्छे से जानें, मुख्य विषयों की पहचान करें और महत्व के आधार पर प्राथमिकता दें। | 
| विगत वर्ष के प्रश्न-पत्र | आवर्ती विषयों, प्रश्न पैटर्न और समय प्रबंधन रणनीतियों की पहचान करने के लिये पिछले 5-7 वर्षों के पेपरों को इकट्ठा और विश्लेषण करें। | 
| एक व्यापक अध्ययन योजना बनाना | |
| प्रारंभिक मूल्यांकन | विभिन्न विषयों में मजबूती और कमजोरियों की पहचान करने के लिये एक व्यक्तिगत कौशल लेखा परीक्षा आयोजित करें। | 
| यथार्थवादी समयरेखा | मासिक, साप्ताहिक और दैनिक अध्ययन लक्ष्यों के साथ 2 महीने की तैयारी योजना बनाएं। | 
| संतुलित दृष्टिकोण | मजबूत क्षेत्रों में दक्षता बनाए रखते हुए चुनौतीपूर्ण विषयों के लिये अधिक समय आवंटित करें। | 
| संसाधनों और सामग्रियों का अध्ययन करें | |
| अनुशंसित अध्ययन सामग्री | प्रसिद्ध विधिक लेखकों से अद्यतन पाठ्यपुस्तकों, बेयर एक्ट और संदर्भ मार्गदर्शिकाओं का उपयोग करें। | 
| डिजिटल संसाधन | ऑनलाइन विधिक डेटाबेस, न्यायिक परीक्षा तैयारी वेबसाइटों, वीडियो व्याख्यान और मॉक टेस्ट प्लेटफार्मों का उपयोग करें। | 
| प्रभावी अध्ययन तकनीक | |
| सक्रिय सीखने के तरीके | कलर-कोडिंग और माइंड मैपिंग का उपयोग करके व्यवस्थित नोट्स लें और नियमित रूप से पुनरावलोकन करें। | 
| केस लॉ (वाद विधियों) का विश्लेषण | महत्त्वपूर्ण वाद विधियों के लिये एक रजिस्टर बनाए रखें और वाद का सारांश लिखने का अभ्यास करें। | 
| सामरिक पुनरावलोकन | एक आवधिक पुनरावलोकन सूची बनाएं: आसान पुनरावलोकन के लिये साप्ताहिक, मासिक और त्वरित संदर्भ मार्गदर्शिकाएँ। | 
| अभ्यास और मॉक टेस्ट | |
| प्रश्न पत्र अभ्यास | परीक्षा जैसी परिस्थितियों में पिछले वर्ष के प्रश्न पत्रों को हल करें, स्वयं समय दें और प्रदर्शन का विश्लेषण करें। | 
| लेखन कौशल | वर्णनात्मक प्रश्नपत्रों के लिये उत्तर लेखन का अभ्यास करें, स्पष्टता, संरचना और विधिक तर्क पर ध्यान केंद्रित करें। | 
| मानसिक तैयारी और स्वास्थ्य | |
| तनाव प्रबंधन | ध्यान का अभ्यास करें, संतुलित आहार बनाए रखें, पर्याप्त नींद लेना सुनिश्चित करें और नियमित रूप से व्यायाम करें। | 
| प्रेरणा रखरखाव | यथार्थवादी अल्पकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य निर्धारित करें, अध्ययन समूहों में शामिल हों, और सफल उम्मीदवारों से जुड़ें। | 
| अंतिम तैयारी | |
| व्यापक पुनरावलोकन | कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान दें, त्वरित पुनरावलोकन नोट्स बनाएं और अधिक मॉक टेस्ट लें। | 
| मनोवैज्ञानिक तैयारी | आत्मविश्वास का निर्माण करें, शांत रहें, केंद्रित रहें और सकारात्मक मानसिक दृष्टिकोण विकसित करें। | 
| परीक्षा दिवस रणनीति | |
| दस्तावेज़ तैयार करना | सभी दस्तावेज तैयार रखें, परीक्षा केंद्र के स्थान की पहले से जांच कर लें और आवश्यक सामान (एडमिट कार्ड, आईडी, स्टेशनरी) ले जाएं। | 
| परीक्षा प्रदर्शन | प्रश्नों को ध्यान से पढ़ें, प्रभावी ढंग से समय का प्रबंधन करें, पहले ज्ञात प्रश्नों का प्रयास करें और शांत रहें। | 
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश न्यायिक सेवा परीक्षा विधि स्नातकों के लिये एक चुनौतीपूर्ण लेकिन पुरस्कृत अवसर है। समर्पित तैयारी और रणनीतिक दृष्टिकोण के साथ, आप इस प्रतिष्ठित परीक्षा को सफलतापूर्वक पास कर सकते हैं और न्यायिक सेवाओं में एक सम्मानित करियर शुरू कर सकते हैं।
ब्लॉग कलेक्शन
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